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वास्तव में जीवन एक यात्रा हैं।

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वास्तव में जीवन एक यात्रा हैं।  जीवन में हमेशा सुगंध भरे। जब हम जीवन में सुगंध भरने की बात कर रहे हैं तो इसका मतलब हमारे जीवन में दुर्गंध भी हैं।  सब लोगों के जीवन में ये दुर्गंध  मन में है।  स्वार्थ, अहंकार, कृपणता  इसे छोड़कर परोपकार और सहयोगी भावना, विनम्रता तथा उदारता को अपने मन में उतारने पर पुरे जीवन में सुगंध ही सुगंध हो जाएगा।  ऐसी सुगंध जिसे सारा संसार भर जाएगा।   जीवन में सुगंध लाने के लिए अपने मन को निचे दिए गए तरिके से बदल देना चाहिए। १) पहिले खुद में अच्छे गुणों का विकास करे।  २) सत्कर्मो को जीवन में प्राथमिकता दे।   ३) खाली समय जिसमे आप कोई भी शारीरिक काम नहीं कर रहे हो, उस समय कोई मधुर संगीत, कोई पुराणा मनपसंद गाना अथवा कोई भजन और कोई भगवान् का कल्याणकारी मंत्र गुनगुनाते रहें। इससे हमारी मन की नकारात्मक शक्तियाँ चली जाती हैं।  ४) द्वेष, वैर, क्रोध के विषय पर बिलकुल भी चिंता न करें।  ५) अपनी जीवन शैली को हमेशा प्राकृतिक रहने दो।   ६) वक्त का हमेशा पूरा ध्यान रखे। वक...

जीवन में कुछ करकें तो देख ......

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 जीवन में कुछ करकें तो देख ...... 

किस्मत सबको मौका देती हैं। 😊😊😊😊

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 किस्मत सबको मौका देती हैं। 😊😊😊😊 इतिहास में ऐसे बहुत सारे उदाहरण है, जिनसे ये समझ आता है की, अपनी आत्मा की आवाज सुनकर दृढ़ निश्चय पूर्वक जो भी हम कार्य करते हैं, उसे संसार की कोई भी शक्ति उस कार्य की सफलता के आड़ नहीं आ सकती, कोई भी बाधा उसमे रुकावट नहीं डाल सकती हैं।  राकफेलर को अपना मौका पेट्रोलियम में दिखाई दिया था। उसके सामने मंद मंद दीपक को जगमगाने वाली सेकड़ो घर थे। मिटटी का तेल बहुत था परन्तु उसे शुद्ध करने की प्रक्रिया बहुत कठिन थी। तेल साफ होता नहीं था। राकफेलर ने उस मौके को पहचाना और उसने सेम्युअल एण्डज नामक एक कुली को अपना भागीदार बनाया, वो एक अच्छी विधि से तेल साफ करने लगा। शुद्धता की मात्रा जब बढ़ गयी, तब उसने एक तीसरा भागीदार मिलाया उसका नाम प्लागार था, परन्तु तीसरा भागीदार आने से पहिला भागीदार एण्डज असंतुष्ट रहने लगा उसने अलग होने की इच्छा  प्रगट की।  राकफेलर ने उसे पूछा, "अगर तुम अलग होना चाहते हो तो क्या लोगे ?"  एण्डज ने बहुत लापरवाई के साथ एक कागज के टुकड़े पर लिख दिया - दस लाख डॉलर। राकफेलर ने चौबीस घंटे के अंदर दस लाख डॉलर का प्रबंध...

हॉस्टल की लाइफ ---- वो दिन, जो सिखाते है की दुनियाँ क्या हैं।

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 हॉस्टल की लाइफ ----  वो दिन, जो सिखाते है की दुनियाँ क्या हैं।  हॉस्टल ऐसा स्थान, जहाँ छात्रों के लिए भोजन और आवास उपलब्ध कराया जाता है। होस्टल का जीवन घर के जीवन से बहुत अलग होता है। आमतौर पर सब छात्र एक होस्टल में रहते है, जब उनका घर उनके एजुकेशन इंस्टीटुएशन से दूर स्थित होता हैं। होस्टल का जीवन एक छात्र को आत्मनिर्भर, स्मार्ट और सक्रिय, अनुशासित बनता हैं।  एक होस्टल को वार्डन द्वारा नियंत्रित किया जाता है, वो देखती है की, होस्टल के नियमो का पालन किया जा रहा है या नहीं। होस्टल एक कॉमन रूम की तरह हैं, जहाँ सब छात्र टेलीविज़न देखने के लिए एक साथ इक्कठा होते है और समूहों में दैनिक घटनाओँ, राजनीती, वर्तमान मुद्दे आदि के बारे में चर्चा करते है। होस्टल में Indoor खेलों की सुविधा होती है। कुछ होस्टल में आउटडोर खेलों की सुविधाएँ भी रहती है, जैसे बास्केटबॉल , वॉलीबाल , बैडमिंटन आदि इस प्रकार होस्टल में एक छात्र आपने मन और शरीर को विकसित कर सकता है।   एक होस्टल में विभिन्न प्रकार के छात्र पाए जाते है।  विभिन्न समुदायों और धर्म के ...

प्रत्येक भारतीय महिला की हर दिन समस्या और उन समस्या के ऊपर समाधान....

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प्रत्येक भारतीय महिला की हर दिन समस्या और उन समस्या के ऊपर समाधान ....    आधुनिक भारतीय महिला आज भी खुद को स्थापित करने और रूढ़िवादी निराशा से बाहर निकलने का संघर्ष कर रही है। कुछ समस्या है, जो केवल भारतीय महिलाही समज सकती है क्योंकि हर रोज वो महिला उस माध्यम से जाती है।    अ) पारिवारिक और कामकाज के बिच का संघर्ष।  सभी कामकाज महिलाओ को अपनी दिन की शुरवात हर किसी से २ घंटे पहिले स्टार्ट करनी पड़ती है। ताकि उसे  उठकर सबका खाना बनाना, दोहपर का सबका भोजन पैक करना, घर की सफाई करना, अपने पति के ऑफिस जाने के लिए कपड़े तयार करना और बहुत सारे बाकि के सब काम करके जलबाजी में अपने ऑफिस टाइम पर पहुँचना।   नौकरी करते हुए घर का प्रबंधन कैसे करे :-  १) प्राथमिकता निर्धारित करना :- दिन में केवल २४ घंटे होते है, इसलिए प्रत्येक महिलाओको अपने मूल्यों के बारे में सोचना होगा और उन मूल्यों के आधारपर अपनी प्राथमिकता निर्धारित करनी होगी। उदाहरण:- अगर आप माता पिता है, तो आपके बच्चें आपको लिए पहिली प्राथमिकता है। ...

नवरात्रि : नौ दिन का त्यौहार जो दुर्गा माँ को समर्पित हैं।

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 नवरात्रि : नौ दिन का त्यौहार जो दुर्गा माँ को समर्पित हैं।   परिचय :-  नवरात्रि देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। यह त्यौहार पुरे देश में आंनद और उल्हास के साथ मनाया जाता है। देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर की हार का जश्न मानाने वाला नवरात्री त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जित का प्रतिक है। भारत के कुछ हिस्सों में लोग नवरात्री के दौरान उपवास करते है और अंतिम दिन पूजा करके अपना उपवास तोड़ते है। नवरात्रि एक शक्तिशाली राक्षस महिषसुर और देवी दुर्गा के बिच हुई महान लड़ाई के बिच में बोलती है। नवरात्री महोत्सव हिंदू धर्म द्वारा नौ राते और दस दिन की अवधि में अक्टूबर / नवंबर के महीने में मनाया जाता है। लोग रातभर डांडिया और गरबा खेलते  है। ये त्यौहार सभी हिंदुओ द्वारा मनाया जाता है और गुजरात समुदाय में इसका विशेष महत्व है।   नवरात्रि का इतिहास :-   महिषासुर को एक शर्त के तहत भगवान ब्रम्हा द्वारा अमरता का आशीर्वाद दिया गया था, की शक्तिशाली महिषासुर को केवल एक महिला द्वारा हराया जा सकता है। तभी तीन शक्तिशाली देवता ब्रम्हा, विष्णु, महेश ने द...

फ़ास्ट फ़ूड खाने के कारण और परिणाम।

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फ़ास्ट फ़ूड खाने के कारण और परिणाम।  भोजन दुनियाभर में किसी भी संस्कृती और समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। फ़ास्ट फ़ूड रेस्टोरेंट शहर के हर गली में मौजूद रहते है। और सब आयु के लोग इसे पसंद करते है। फ़ास्ट फ़ूड लोकप्रिय होने के कई कारण है।  फ़ास्ट फ़ूड का समाज और मनुष्य के ऊपर बहुत गंभीर प्रभाव पड़ता है। हमारे समाज में रहने के आधुनिक तरिके से ये फ़ास्ट फ़ूड पैदा हुआ है। फ़ास्ट फ़ूड में बिग मैक, डबल व्ह्पर्स, कबाब, हॉट डॉग, स्प्रिंग रोल, मार्क मछली , पिज़्ज़ा,चाइनीज ये सब और बहुत सारे प्रसिद्ध भोजन आता है।      फ़ास्ट फ़ूड लोकप्रिय होने के कारण :-  १) नौकरी करने वाले माता पिता :- अगर माता पिता दोनों भी नौकरी कर रहे है तो, यह इसका एक श्रेष्ठ उदाहरण है।अपने काम के कारण उनके पास खुदको और बच्चों के लिए खाना बनाने के लिए समय नहीं है। उसका परिणाम उनको खाना पकाने के बजाए फ़ास्ट फ़ूड आर्डर करना आसान लगता हैं।  २) देर तक काम करना :- कुछ लोगों को लंबे समय तक काम करना पड़ता है।  ऐसे लोगों को घर जाकर खाना पकाने के लिए ना तो वक्त रहता है और ना ताकत।  ऐसे लोग...