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हॉस्टल की लाइफ ---- वो दिन, जो सिखाते है की दुनियाँ क्या हैं।

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 हॉस्टल की लाइफ ----  वो दिन, जो सिखाते है की दुनियाँ क्या हैं।  हॉस्टल ऐसा स्थान, जहाँ छात्रों के लिए भोजन और आवास उपलब्ध कराया जाता है। होस्टल का जीवन घर के जीवन से बहुत अलग होता है। आमतौर पर सब छात्र एक होस्टल में रहते है, जब उनका घर उनके एजुकेशन इंस्टीटुएशन से दूर स्थित होता हैं। होस्टल का जीवन एक छात्र को आत्मनिर्भर, स्मार्ट और सक्रिय, अनुशासित बनता हैं।  एक होस्टल को वार्डन द्वारा नियंत्रित किया जाता है, वो देखती है की, होस्टल के नियमो का पालन किया जा रहा है या नहीं। होस्टल एक कॉमन रूम की तरह हैं, जहाँ सब छात्र टेलीविज़न देखने के लिए एक साथ इक्कठा होते है और समूहों में दैनिक घटनाओँ, राजनीती, वर्तमान मुद्दे आदि के बारे में चर्चा करते है। होस्टल में Indoor खेलों की सुविधा होती है। कुछ होस्टल में आउटडोर खेलों की सुविधाएँ भी रहती है, जैसे बास्केटबॉल , वॉलीबाल , बैडमिंटन आदि इस प्रकार होस्टल में एक छात्र आपने मन और शरीर को विकसित कर सकता है।   एक होस्टल में विभिन्न प्रकार के छात्र पाए जाते है।  विभिन्न समुदायों और धर्म के ...

प्रत्येक भारतीय महिला की हर दिन समस्या और उन समस्या के ऊपर समाधान....

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प्रत्येक भारतीय महिला की हर दिन समस्या और उन समस्या के ऊपर समाधान ....    आधुनिक भारतीय महिला आज भी खुद को स्थापित करने और रूढ़िवादी निराशा से बाहर निकलने का संघर्ष कर रही है। कुछ समस्या है, जो केवल भारतीय महिलाही समज सकती है क्योंकि हर रोज वो महिला उस माध्यम से जाती है।    अ) पारिवारिक और कामकाज के बिच का संघर्ष।  सभी कामकाज महिलाओ को अपनी दिन की शुरवात हर किसी से २ घंटे पहिले स्टार्ट करनी पड़ती है। ताकि उसे  उठकर सबका खाना बनाना, दोहपर का सबका भोजन पैक करना, घर की सफाई करना, अपने पति के ऑफिस जाने के लिए कपड़े तयार करना और बहुत सारे बाकि के सब काम करके जलबाजी में अपने ऑफिस टाइम पर पहुँचना।   नौकरी करते हुए घर का प्रबंधन कैसे करे :-  १) प्राथमिकता निर्धारित करना :- दिन में केवल २४ घंटे होते है, इसलिए प्रत्येक महिलाओको अपने मूल्यों के बारे में सोचना होगा और उन मूल्यों के आधारपर अपनी प्राथमिकता निर्धारित करनी होगी। उदाहरण:- अगर आप माता पिता है, तो आपके बच्चें आपको लिए पहिली प्राथमिकता है। ...

नवरात्रि : नौ दिन का त्यौहार जो दुर्गा माँ को समर्पित हैं।

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 नवरात्रि : नौ दिन का त्यौहार जो दुर्गा माँ को समर्पित हैं।   परिचय :-  नवरात्रि देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। यह त्यौहार पुरे देश में आंनद और उल्हास के साथ मनाया जाता है। देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर की हार का जश्न मानाने वाला नवरात्री त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जित का प्रतिक है। भारत के कुछ हिस्सों में लोग नवरात्री के दौरान उपवास करते है और अंतिम दिन पूजा करके अपना उपवास तोड़ते है। नवरात्रि एक शक्तिशाली राक्षस महिषसुर और देवी दुर्गा के बिच हुई महान लड़ाई के बिच में बोलती है। नवरात्री महोत्सव हिंदू धर्म द्वारा नौ राते और दस दिन की अवधि में अक्टूबर / नवंबर के महीने में मनाया जाता है। लोग रातभर डांडिया और गरबा खेलते  है। ये त्यौहार सभी हिंदुओ द्वारा मनाया जाता है और गुजरात समुदाय में इसका विशेष महत्व है।   नवरात्रि का इतिहास :-   महिषासुर को एक शर्त के तहत भगवान ब्रम्हा द्वारा अमरता का आशीर्वाद दिया गया था, की शक्तिशाली महिषासुर को केवल एक महिला द्वारा हराया जा सकता है। तभी तीन शक्तिशाली देवता ब्रम्हा, विष्णु, महेश ने द...

फ़ास्ट फ़ूड खाने के कारण और परिणाम।

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फ़ास्ट फ़ूड खाने के कारण और परिणाम।  भोजन दुनियाभर में किसी भी संस्कृती और समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। फ़ास्ट फ़ूड रेस्टोरेंट शहर के हर गली में मौजूद रहते है। और सब आयु के लोग इसे पसंद करते है। फ़ास्ट फ़ूड लोकप्रिय होने के कई कारण है।  फ़ास्ट फ़ूड का समाज और मनुष्य के ऊपर बहुत गंभीर प्रभाव पड़ता है। हमारे समाज में रहने के आधुनिक तरिके से ये फ़ास्ट फ़ूड पैदा हुआ है। फ़ास्ट फ़ूड में बिग मैक, डबल व्ह्पर्स, कबाब, हॉट डॉग, स्प्रिंग रोल, मार्क मछली , पिज़्ज़ा,चाइनीज ये सब और बहुत सारे प्रसिद्ध भोजन आता है।      फ़ास्ट फ़ूड लोकप्रिय होने के कारण :-  १) नौकरी करने वाले माता पिता :- अगर माता पिता दोनों भी नौकरी कर रहे है तो, यह इसका एक श्रेष्ठ उदाहरण है।अपने काम के कारण उनके पास खुदको और बच्चों के लिए खाना बनाने के लिए समय नहीं है। उसका परिणाम उनको खाना पकाने के बजाए फ़ास्ट फ़ूड आर्डर करना आसान लगता हैं।  २) देर तक काम करना :- कुछ लोगों को लंबे समय तक काम करना पड़ता है।  ऐसे लोगों को घर जाकर खाना पकाने के लिए ना तो वक्त रहता है और ना ताकत।  ऐसे लोग...

अपनी तो जान हैं मुंबई ....

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  अपनी तो जान हैं मुंबई ....  मुंबई भारत के सबसे बड़े शहरोंमें से एक है, जो भारत की वित्तीय और मनोरंजन की राजधानी भी हैं। मुंबई को बॉम्बे एवं बम्बई के नाम से भी जाना जाता है। देश की अर्थव्यवथा मजबूत करने में मुंबई शहर का सबसे बड़ा योगदान हैं। मुंबई को पैसेवालो की नगरी भी कहाँ जाता है।मुंबई के समुद्रि इलाके से जहाजों की माध्यम से विदेशी देशो में आयत एवं निर्यात किया जाता है। जिससे भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। यह मुंबई शहर अरब सागर के किनारे बसा हुआ है। मुंबई को भारत का पश्चिमी दरवाजा भी कहते है। यहाँ भारत के हर प्रांत के लोग रहते है, इसलिए मुंबई को पंचरंगी शहर भी कहते है। यहाँ भारत के सभी भाषाओं के स्कूल और कॉलेज भी बड़ी संख्या में है।   मुंबई में लोगों के पास टॅलेंट की कमी नहीं है। अपने सपने पूरा करने के लिए देश भर से हजारो से अधिक लोग हर दिन मुंबई में आते है। और दूसरी अच्छी ये बात है की यहाँ दस रूपये से लेकर हजार रूपये तक अलग अलग टाइप का बहुत सारा खाना मिलता है।  यहाँ कोई भूखा नहीं सो सकता है। ऐसा कोई बिज़नेस नहीं जो मुंबई में ...

स्कूल की वो यादें और स्कूल का जीवन....

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 स्कूल की वो यादें और स्कूल का जीवन....   स्कूल का नाम सुनतेही सब पुराणी यादें ताज़ा हो जाती है। कितने भी साल गुजर जाए पर वो यादें हमेशा ताज़ा ही रहती है।स्कूल और वो स्कूल की यादें सबके जीवन का एक खास हिस्सा रहता है। कभी कभी वो स्कूल जाने वाले दोस्त जब अचानक मिल जाते है,तब स्कूल और स्कूल के वो दिन और स्कूल के टीचर, दोस्तों के साथ बिता हुआ वक्त, परीक्षा, पढ़ाई और वो गर्मी की छुट्टिया ये सब बाते याद करके कहीं खो जाते है।   मेरे स्कूल की इमारत बड़ी थी और उसके सामने एक बड़ासा खेल का मैदान था, उस मैदान में कबड्डी, खो खो, लंगड़ी, ऊँची छलांग, गोला फेंक जैसे कई खेल खेले जाते थे। स्कूल में प्रार्थना के बाद पठाई चालू होती थी। तभी छत्रपति शिवाजी महाराज का इतिहास और संभाजी महाराज का इतिहास सुनने में बहुत मजा आता था और मन को बहुत शांति मिलती थी। १५ अगस्त और २६ जनवरी को हम मुख्य अतिथि के हस्ते हम लोग ये दोनों दिन पुरे जोश के साथ मनाते थे।   हमारे स्कूल में गणेश उत्सव भी मनाते थे। पुरे बैंड बाजा के साथ गणेशजीका आगमन हो...

पहिला सच्चा प्यार क्या होता हैं।

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  पहिला सच्चा प्यार क्या होता हैं।   ऐसा बोलते है की पहिला प्यार कभी भूल नहीं सकते। पर ये बात सच है, क्योंकि आप आपके जीवन का कौनसा भी पहिला अनुभव भूल नहीं सकते, जैसे की आपके कॉलेज का वो पहिला दिन, आपके काम का वो पहिला दिन, आपका पहिला इनाम, ये सब सिर्फ एक दिन की याद है, फिर भी आप उसे भूल नहीं सकते, तो वो पहिला प्यार आप कैसे भूल सकते है। वो पहिला प्यार जो एक खूबसूरत लम्हा होता है, एक ख़ुशी का एहसास होता है। बहुत सारी जीवन की यादें उसमे समाई होती है।  उसमे सिर्फ उन दोनों के बिच के वो हसीन पल रहते है।  जीवन में सबको पहिला प्यार होता है।  पर जरुरी नहीं है की उन दोनों में समंध रहना चाहिए। कभी कभी वो प्यार सिर्फ एक तरफ से ही रहता है।  जिसे देखकर वो पहिला प्यार होता है, उसकी जगह अपने जीवन मे, अपनी दिल के एक कोने में हमेशा रहती है। बहुत साल के बाद भी जब आप उस व्यक्ति को देखते है, तभी भी आपका दिल वैसा ही धड़कता है, जैसे उसको पहिली बार देखते ही धड़का था।   लड़की : तुम मुझसे कितना प्यार करते हो।  लड़का : बहुत सारा ....  लड़की : तुम मेर...